ये वादियां कहती हैं हमसे कि देखो कितना सुंदर है यह संसार,
क्यों भागते हो बनावटी दुनिया में जब सब कुछ तुम्हारे पास है मेरे यार
पहाड़ हैं सिर का ताज इस धरती का और सागर है इसका अँतकार,
नदियां ,झरने हैं इस धरती की आँखेँ, जो जाते हैं इस पार से उस पार
पेड़ों ने दी ताकत हमें पेड़ों ने सिखाया झुकना ,पेड़ों ने दिए फल भी और पेड़ों से आई हममे जान
पेड़ों से है हमारी शान। पेड़ है दिल धरती का पेड़ों को दो मान ।
फूलों ने दी खुशबू और काँटोँ ने दी सीख,जिंदगी भी आसान है, बस जीना सीख
बादलों ने रखा व्यस्त, दिखाए कई चित्र, पूछते रह गए एक दूसरे से क्या- क्या दिख रहा मेरे मित्र
पेड़ ,पहाड़, हरियाली देखकर बड़े हुए,
कैसे ना प्यार करें इन वादियों को जिसने कई बार हमारे दिल छूए
दिल बनाया इन्होंने ऐसा कि सभी से हो जाता प्यार ,
ऐ वादियों संभालो मुझे |कुछ ऐसे ही बर्बाद ना हो जाए तुम्हारा यार।
POEM BY -CATU ACHARYA
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